450 स्कूल बंद; अगर बच्चे पढ़ लेंगे तो फिर BJP की दरियां कौन बिछायेगा?
हाल ही में राजस्थान से एक खबर सामने आई है, जो काफी चौंका देनी वाली है। राजस्थान की बीजेपी सरकार द्वारा 450 सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “अगर बच्चे पढ़ लेंगे तो फिर BJP की दरियाँ कौन बिछायेगा? बच्चे पढ़ लेंगे तो फिर नौकरियों का हिसाब मांगने लगेंगे।”
पिछले 10 दिनों में 450 स्कूल बंद किए गए
सुप्रिया श्रीनेत ने X पर लिखा, “बच्चों की पढ़ाई पर BJP का कितना ज़बरदस्त फोकस है, यह पढ़िए, गुजरात में एक बच्ची ने इसलिए अपनी जान दे दी क्योंकि उसका परिवार स्कूल की फीस नहीं जमा करवा पाया था और इसलिए बच्ची को परीक्षा नहीं देने दी गई। राजस्थान में पिछले 10 दिनों में 450 स्कूल बंद किए गए। यही नहीं वहां 3700 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल भी बंद किए जा रहे हैं।”
राजस्थान में बच्चियां प्रदर्शन करने को मजबूर
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आगे लिखा, “राजस्थान में बच्चियां प्रदर्शन करने को मजबूर हैं क्योंकि सरकार के स्कूल बंद करने या काफ़ी सारे एक साथ merge करने से उनकी पढ़ाई रुक जाएगी। राजस्थान के बीकानेर में परिवार वाले अपने दिव्यांग बच्चों को गोद में लेकर विरोध कर रहे हैं क्योंकि जिस स्कूल के 131 में से 61 बच्चे दिव्यांग हैं, उस स्कूल को भी दूर के एक स्कूल में merge कर दिया है। छत्तीसगढ़ में एक स्कूल की बच्चियां आंदोलन कर रही हैं क्योंकि उनसे स्कूल में toilets साफ़ करवाए जाते हैं।”
ना पढ़ेगा इंडिया, ना बढ़ेगा इंडिया
सुप्रिया श्रीनेत ने X पोस्ट में लिखा, “अब बताइए – क्या इस सरकार को आपके बच्चों की पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब है? नहीं क्योंकि अगर बच्चे पढ़ लेंगे तो फिर BJP की दरियां कौन बिछायेगा? बच्चे पढ़ लेंगे तो कौन अपनी जान देकर धर्म को बचाएगा? बच्चे पढ़ लेंगे तो फिर नौकरियों का हिसाब मांगने लगेंगे। इसीलिए स्कूल बंद किए जा रहे हैं, शिक्षा बजट काटा जा रहा है: ना पढ़ेगा इंडिया, ना बढ़ेगा इंडिया। लेकिन एक बाद मत भूलिएगा इन BJP वालों के अपने बच्चे अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया की बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ कर मोटा माल पीट रहे हैं।”
राजस्थान में अचानक से 450 स्कूलों का बंद होना कोई आम बात नहीं है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाते हैं। इन स्कूलों का बंद होना उन बच्चों के भविष्य पर गहरा असर डालेगा। बाकी इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें। इस तरह के ताजा समाचार पाने के लिए हमारी वेबसाइट को ध्यान में रखें या बुकमार्क करें।