9वीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा ने ली उपमुख्यमंत्री की शपथ

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश इस्तीफा देने के बाद फिर से मुख्यमंत्री बन गए हैं। दरअसल नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनने के लिए ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। बहरहाल नीतीश कुमार ने RJD को छोड़कर अब NDA के साथ मिलकर बिहार में फिर से सरकार बना ली है, परंतु इस गठबंधन के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी पर लगातार प्रश्न उठ रहे हैं। यह प्रश्न इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि भाजपा और JDU ने दोबारा कभी हाथ न मिलाने का ऐलान किया था।

अपने वादों को किनारे रख फिर एक हुई NDA और JDU
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब 2022 में NDA से गठबंधन तोड़कर RJD के साथ मिलकर बिहार में अपनी सरकार बनाई थी, तब उन्होंने ये घोषणा की थी कि वह किसी भी हाल में NDA के साथ नहीं जायेंगे। वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने भी बिहार की जनता को भरोसा दिलाते हुए ऐलान किया था कि नीतीश कुमार को फिर से NDA में शामिल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए NDA के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं।

सवालों के घेरे में आई भाजपा और JDU
NDA के साथ मिलकर बिहार में फिर से सरकार बनाने के बाद JDU और बीजेपी सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि दोनों ने एक दूसरे से दोबारा कभी भी हाथ न मिलाने का दावा किया था। वहीं अब JDU पर सवाल उठने के साथ-साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धोखेबाज भी कहा जा रहा है। वहीं भाजपा पर भी सवाल उठ रहा है कि NDA के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए हमेशा के लिए बंद हो गए थे, तो अचानक दरवाजा फिर से क्यों खोला गया है।

क्या दोबारा NDA का साथ नहीं छोड़ेंगे नीतीश?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर NDA का साथ थाम लिया है, लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि नीतीश कुमार फिर से NDA को छोड़कर RJD में शामिल नहीं होंगे। दरअसल यह प्रश्न लगातार जनता के हवाले से पूछा जा रहा है। नीतीश कुमार का रिकॉर्ड रहा है कि वह मुख्यमंत्री बने रहने के लिए अपने ही वादों की बलि चढ़ा देते हैं। ऐसे में वह कब NDA का साथ छोड़ फिर RJD का साथ थाम लें, यह समझना आसान नहीं है।

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