नरेंद्र मोदी सिर्फ अडानी को बचाने के लिए संसद चलने नहीं दे रहे
जब से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई है तब से अब तक सदन की कार्यवाही सिर्फ स्थगित होती आ रही है। इसी तरह 15 से ज्यादा दिन बीत गए हैं, जिसको लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकार को घेरा। सुप्रिया श्रीनेत ने X पोस्ट में लिखा “नरेंद्र मोदी सिर्फ अडानी को बचाने के लिए संसद चलने नहीं दे रहे, सदन को लगातार स्थगित करवा रहे हैं, लोकतंत्र का अपमान कर रहे हैं। इसके चलते अडानी घोटाले, मणिपुर, संभल हिंसा, बेरोजगारी, महंगाई जैसे जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। आज विपक्ष के सांसदों ने BJP MPs को तिरंगा और गुलाब देकर, उनसे शांतिपूर्वक सदन चलने देने की अपील की।”
राहुल गांधी ने राजनाथ सिंह जी को तिरंगा और गुलाब देकर संसद चलने देने की अपील की
कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल X पर लिखा “नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी ने BJP नेता राजनाथ सिंह जी को तिरंगा और गुलाब देकर संसद चलने देने की अपील की। मोदी सरकार अडानी को बचाने के लिए सदन को लगातार स्थगित करवा रही है, जिससे देश के कई जरूरी मुद्दों पर भी चर्चा नहीं हो पा रही है। इसलिए आज कांग्रेस सांसदों ने BJP सांसदों को तिरंगा और गुलाब देकर, संसद की गरिमा को बनाए रखने और संसद को चलने देने का निवेदन किया। संसद को चलने दो – देश को मत बिकने दो”
इतिहास में पहली बार स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
कांग्रेस पार्टी से संसद सदस्य रंजीत रंजन ने कहा “इतिहास में पहली बार स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। ये दुखद है, सत्ता पक्ष ने हमारे लिए कोई रास्ता नहीं छोड़ा है। पहली बार सत्ता पक्ष के सदस्यों को खड़ा करके उनसे जबरदस्ती बोलने को कहा जा रहा है, ताकि सदन स्थगित हो जाए। सत्ता पक्ष देश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा ही नहीं चाहता है। सत्ता पक्ष सदन को भी कंट्रोल करना चाहता है। हम सदन को तानाशाही से चलने नहीं दे सकते, क्योंकि ये देश की सबसे बड़ी पंचायत है। इसे स्वतंत्र रखने के लिए विपक्ष को जो भी करना पड़ेगा, हम करेंगे।”
यह सरकार संविधान विरोधी है
राज्य सभा में उपनेता श्री प्रमोद तिवारी ने कहा “राज्य सभा में आज एक इशारे पर पूरा सत्ता पक्ष खड़ा हो जाता है और व्यवधान पैदा करता है। मौजूदा सत्ता पक्ष संविधान पर चर्चा नहीं चाहता है, जिसके लिए दो दिन तय किए गए हैं। मैंने सदन में कहा कि यह सरकार संविधान विरोधी है, जिसके बाद मेरा माइक बंद कर दिया गया। सरकार नहीं चाहती कि अडानी के मुद्दे पर चर्चा हो, क्योंकि चर्चा होने से मोदी-अडानी के रिश्तों की पोल खुल जाएगी।”
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