महाकुंभ भगदड़- कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP
![महाकुंभ भगदड़](https://janmanchbharat.com/wp-content/uploads/2025/01/jmb-web-2025-01-29T170019.509-1024x576.jpg)
महाकुंभ भगदड़
महाकुंभ में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु बहुत दूर-दूर से आ रहे हैं, ऐसे में प्रशासन द्वारा वहां कड़े इंतजाम होने अत्यधिक जरूरी है। महाकुंभ में कोई भी लापरवाही करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचा सकती है, उसके बावजूद महाकुंभ में भगदड़ जैसी घटना हुई और कुछ लोगों को उसमें अपनी जान भी गवानी पड़ी। इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को घेरा भी और कड़ी सुरक्षा के इंतजाम करने की सलाह भी दी, साथ ही मृतकों के प्रति अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की।
शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अनुरोध करता हूं कि पीड़ित परिवारों की मदद करें।”
VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना ज़िम्मेदार है। अभी महाकुंभ का काफी समय बचा हुआ है, कई और महास्नान होने हैं। आज जैसी दुखद घटना आगे न हो इसके लिए सरकार को व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं के जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए।”
हादसे में लगभग 35 से 40 लोगों की मौत की खबर
मंगलवार की रात करीब 1:30 बजे प्रयागराज के संगम तट पर भगदड़ मच गई। इस हादसे में लगभग 35 से 40 लोगों की मौत की खबर है और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल कॉलेज में पहले 14 शव पोस्टमार्टम के लिए लाए गए। उसके बाद 8 से 10 एम्बुलेंस में शवों को मेला क्षेत्र से लाया गया। 20 शवों की गिनती हो पाई थी लेकिन बाकी शवों को उनके परिजन वहां से ले गए थे।
ऐसे हुई घटना
अमृत स्नान के कारण ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी होती चली गई, जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए, यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई। संगम घाट पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे, जिस कारण लोग जिस रास्ते से आ रहे थे उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। भगदड़ के बाद लोगों को भागने का मौका नहीं मिला और वह एक दूसरे के ऊपर गिरते गए, जिस कारण यह घटना हुई।
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