मैं देश की टॉप 10 कंपनियों के मालिक पिछड़े वर्ग से देखना चाहता हूं
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पिछड़े वर्ग
बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। आज महान स्वतंत्रता सेनानी और ‘बिहार के गांधी’ कहे जाने वाले जगलाल चौधरी जी की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेने पटना पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में मोदी सरकार को जातिगत जनगणना के मुद्दे पर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, “”मैं एक ऐसा दिन देखना चाहता हूं, जब हिंदुस्तान में संस्थाओं की लीडरशिप में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग दिखें।”
जातिगत जनगणना से पता चलेगा किसकी कितनी आबादी है
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा, “हमें पता लगाना है कि देश में किसकी कितनी आबादी है और कितनी भागीदारी है? ये पता करने का तरीका सिर्फ एक है- जातिगत जनगणना। जातिगत जनगणना हमें ये बता देगा कि देश में दलित, OBC, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग के लोग कितने हैं। फिर पता करेंगे कि देश की संस्थाओं में उन लोगों की कितनी भागीदारी है।”
टॉप 10 कंपनियों के मालिक दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग से हों
रायबरेली से पूर्व सांसद राहुल गांधी ने कहा, “मैं एक ऐसा दिन देखना चाहता हूं, जब हिंदुस्तान में संस्थाओं की लीडरशिप में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग दिखें। मैं वो दिन देखना चाहता हूं, जब देश की टॉप 10 कंपनियों के मालिक दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग से हों। मैं इस लक्ष्य को पाने के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा।”
पिछड़ों को देश में उनकी भागीदारी बताकर रहूंगा
राहुल गांधी ने कहा, “मैंने सदन में Mobility Revolution, भागीदारी और जातिगत जनगणना की बात की, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसका जवाब दिया। लेकिन…अपने पूरे भाषण में नरेंद्र मोदी ने जातिगत जनगणना का नाम तक नहीं लिया, क्योंकि वे देश की सच्चाई आपको नहीं बताना चाहते। इसलिए मैंने ठान लिया है- देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को देश में उनकी भागीदारी बताकर रहूंगा। इसके बाद देश में एक नई तरह की राजनीति और विकास शुरू होगा।”
जब तक संविधान है, तब तक देश के पिछड़े वर्ग को दबाया नहीं जा सकता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “बाबा साहेब ने हमें संविधान दिया। इस संविधान में हिंदुस्तान के लोगों की आवाज है। संविधान ही हमें भागीदारी दे सकता है, हमारी रक्षा करता है। RSS-BJP के लोग इसे ख़त्म करना चाहते हैं, क्योंकि वे जानते हैं, जब तक संविधान है, तब तक देश के गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को नहीं दबाया जा सकता। आजकल RSS-BJP के नेता अंबेडकर जी के सामने हाथ तो जोड़ते हैं, लेकिन अंबेडकर जी जिन उसूलों के लिए लड़े, उस पर हमला करते हैं।”
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