BJP और महायुति FRA के कार्यान्वयन में लगातार बाधा डाल रही है -जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा की NDA सरकार पर तंज कसते हुए X पोस्ट में लिखा “वर्ष 2006 में कांग्रेस ने क्रांतिकारी वन अधिकार अधिनियम (FRA) पारित किया था। इस कानून ने आदिवासियों और वन में रहने वाले अन्य समुदायों को अपने ख़ुद के जंगलों का प्रबंधन करने और उनसे प्राप्त उपज से आर्थिक रूप से लाभ उठाने का कानूनी अधिकार दिया था। FRA व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों अधिकार प्रदान करता है। अप्रैल 2011 में, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में मेंडा लेखा वन अधिकार विशेषाधिकार सुरक्षित करने वाला पहला समुदाय बना, जिसमें ग्राम सभा को बांस के उपयोग पर नियंत्रण मिल गया।”
BJP और महायुति FRA के कार्यान्वयन में लगातार बाधा डाल रही है – जयराम रमेश
जयराम रमेश ने X पोस्ट में आगे लिखा “भाजपा और महायुति FRA के कार्यान्वयन में लगातार बाधा डाल रही है, जिससे लाखों आदिवासी इसके लाभों से वंचित हो गए हैं –
- दायर किए गए 4,01,046 व्यक्तिगत क्लेम्स में से केवल 52% (2,06,620) ही मंजूर किए गए हैं।
- तब से, महाराष्ट्र में वितरित भूमि स्वामित्व सामुदायिक अधिकारों के लिए पात्र 50,045 वर्ग किलोमीटर में से केवल 23.5% (11,769 वर्ग किलोमीटर) को कवर करता है।”
ईमानदारी पूर्वक कार्यान्वयन कांग्रेस के संकल्प की प्राथमिकता
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पोस्ट में आगे लिखा “वन अधिकार अधिनियम का निष्पक्ष और ईमानदारी पूर्वक कार्यान्वयन कांग्रेस के छह सूत्रीय आदिवासी संकल्प की प्रमुख प्राथमिकता है, जिसकी घोषणा राहुल गांधी ने 12 मार्च, 2024 को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान नंदुरबार में की थी –
- जल-जंगल-जमीन का कानून अधिकार: वन अधिकार अधिनियम के लंबित क्लेम्स (पट्टों) का 1 वर्ष के भीतर निपटान। सभी अस्वीकृत क्लेम्स की समीक्षा के लिए 6 महीने के भीतर एक पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित की जाएगी।
- सुधार: मोदी सरकार द्वारा वन संरक्षण और भूमि अधिग्रहण अधिनियमों में सभी आदिवासी विरोधी संशोधनों को वापस लेना
- पहचान: उन सभी बस्तियों की अधिसूचना जहां अनुसूचित जनजाति सबसे बड़ा सामाजिक समूह है।
- अपनी धरती, अपना राज: पेसा को लागू करने और सच्ची ‘ग्राम स्वशासन’ की स्थापना के लिए राज्य कानूनों की स्थापना।
- स्वाभिमान: लघु वन उपज को MSP की कानूनी गारंटी दी जाएगी।
- बजट अधिकार: SC/ST के लिए बजट का हिस्सा कानूनी तौर पर उनकी आबादी के हिस्से के बराबर होना आवश्यक होगा।”
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