आरक्षण ख़त्म कर बाबा साहब के संघर्ष और संविधान का खुला अपमान कर रही भाजपा

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मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार द्वारा जॉइंट सेक्रेटरी और डेप्युटी सेक्रेटरी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के बहाने भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भर्ती को लेकर एक्स पर लिखा, “भारत सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी और डेप्यूटी सेक्रेटरी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर, लेटरल एंट्री के बहाने भाजपा कार्यकर्ताओं- समर्थकों को बिठाना और वह भी खुलेआम आरक्षण नियमों को किनारे करके, यह बाबा साहब के संघर्ष और संविधान का खुला अपमान है।”

बिना आरक्षण भर्ती गलत

मनीष सिसोदिया ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, कि “केंद्र सरकार 2017 और 2018 से ही आरक्षण नियमों को किनारे कर आईएएस और अन्य सिविल सेवाओं द्वारा भरे जाने वाले पदों पर बिना आरक्षण के भर्ती कर रही है, जो की संविधान के खिलाफ है।”

भाजपा की आरक्षण विरोधी सोच आई सामने

आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता सिसोदिया ने एक अखबार को साझा करते हुए अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “आरक्षण खत्म करने की भाजपा की सोच और साजिश का सच एक मीडिया अखबार की रिपोर्ट ने कर दिया है। यह रिपोर्ट भाजपा का चेहरा बेनकाब करने के लिए काफी है।”

अखिलेश यादव ने भी किया एक्स पोस्ट

लेटरल एंट्री पर केंद्र सरकार को घेरते हुए अखिलेश यादव ने भी एक्स पर पोस्ट करके कहा, “जन आंदोलन करना बेलगाम सरकार पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है। ये शोषित- वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है।”

संविधान कारगर करने के लिए सही मंशा जरूरी

अखिलेश यादव ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि “बाबा भीमराव अंबेडकर ने आगाह किया था, कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब इसे लागू करने वालों की नियत सही और साफ सुथरी होगी। सत्ता में कार्यरत सरकार जब भी धोखाधड़ी, घपलों- घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा बनाए गए अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेगी, तो जनता को सड़कों पर उतरना पड़ेगा और सरकार के गलत कार्य पर लगाम लगानी होगी।”

एससी एसटी आरक्षण मुद्दा

एससी- एसटी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त के फैसले के खिलाफ देशभर में 21 संगठनों द्वारा बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया था। संगठनों ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए इसका विरोध जरूरी है।

एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग का संवैधानिक है आरक्षण – मायावती

मायावती ने पिछड़े वर्ग के लिए एक्स पोस्ट में लिखते हुए कहा कि “एससी- एसटी के साथ ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला ‘संवैधानिक हक’ इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को समझकर, भाजपा व अन्य पार्टियां इसके साथ कोई भी खिलवाड़ ना करें।”

क्या भाजपा सरकार एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को खत्म करना चाहती है? क्या भाजपा सरकार अपने ही कारकर्ताओं को लेटरल एंट्री द्वारा भर्ती करके एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग के हक को मारना चाहती है? इस बारे में आप अपनी क्या राय रखते हैं आप हमें कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं। इसी तरह की ताजा अपडेट पाने के लिए हमारी वेबसाइट को ध्यान में रखें।

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