केंद्र सरकार दशकीय जनसंख्या जनगणना को करवाने में विफल रही है
दरअसल तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है और वहां कांग्रेस ने जाति जनगणना की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भाजपा सरकार की नीतियों पर तंज कसते हुए X पोस्ट में लिखा “केंद्र सरकार 2021 में होने वाली दशकीय जनसंख्या जनगणना को करवाने में विफल रही है। तेलंगाना इतिहास बना रहा है, जबकि केंद्र सरकार उस परंपरा का सम्मान करने में विफल रही है।”
जाति सर्वेक्षण सामाजिक न्याय की दिशा में क्रांतिकारी कदम
जयराम रमेश ने X पर लिखा “जाति सर्वेक्षण न सिर्फ़ सामाजिक न्याय की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह एक ऐसी प्रक्रिया भी है जिसके लिए ज़बरदस्त प्रशासनिक क्षमता की ज़रूरत होती है। यह एक बड़ा काम है: इसके लिए तेलंगाना में 33 ज़िलों में 1.17 करोड़ घरों का सर्वेक्षण करने वाले 80,000 गणनाकर्ता शामिल होंगे। संस्कृतियों, परिदृश्यों और अर्थव्यवस्थाओं की विविधता के बीच, प्रत्येक परिवार का सर्वेक्षण करने के लिए सरकार को गांव और वार्ड स्तर से लेकर CMO तक मिशन मोड में काम करना है।”
नलगोंडा ज़िले में 55% से अधिक आबादी का सर्वेक्षण हुआ
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए X पर लिखा “नलगोंडा ज़िले में इसकी कुछ झलकियां देखिए, जहां 55% से अधिक आबादी का सर्वेक्षण किया जा चुका है। मिरयालगुडा नगर पालिका में, अधिकारियों ने 44 वार्डों में फैले सभी 288 गणना ब्लॉक्स का एक GIS मैप तैयार किया है। यह टेक्नोलॉजी नगर पालिका को भविष्य में भी नगर निगम सेवाओं के लिए बेहतर योजना बनाने में सक्षम बनाएगी।”
सर्वेक्षण में पवित्रता और ईमानदारी
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने X पोस्ट में आगे लिखा “भरे हुए शेड्यूल की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए, नलगोंडा ज़िले के अधिकारियों ने उन्हें सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिए कास्ट आयरन ट्रंक भी ख़रीदा है। जाति सर्वेक्षण में पवित्रता और ईमानदारी का वही महत्व है जैसा चुनाव प्रक्रिया में होता है।
केंद्र सरकार दशकीय जनसंख्या जनगणना को करवाने में विफल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पोस्ट में लिखा “रेवंत रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क के नेतृत्व में तेलंगाना की सरकार ने जो हासिल किया है वह ऐसे दौर में और अधिक प्रभावशाली हो जाता है जब हम देखते हैं कि केंद्र सरकार 2021 में होने वाली दशकीय जनसंख्या जनगणना को करवाने में विफल रही है। तेलंगाना इतिहास बना रहा है, जबकि केंद्र सरकार उस परंपरा का सम्मान करने में विफल रही है जिसे आजादी के बाद से हर सरकार ने कायम रखा है।”
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