महायुति ने महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति को नष्ट कर दिया – जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पोस्ट में लिखा “महायुति ने महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति और लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट कर दिया है। हम जानते हैं कि इलेक्टोरल बांड घोटाले में 4 लाख करोड़ रुपए का खेल हुआ है और इससे महाराष्ट्र के खजाने को कम से कम 10,000 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है। सवाल यह है कि महा विकास अघाड़ी की सरकार को गिराने में चंदे का कितना पैसा लगा?”
महायुति ने चुनावी चंदे के बदले में टेंडर के लिए अधिक पैसे दिए – जयराम रमेश
जयराम रमेश ने महायुति सरकार को घेरते हुए X पोस्ट में लिखा “कल, यह सामने आया कि महायुति ने चुनावी चंदे के बदले में टेंडर के लिए अधिक पैसे दिए – 10 हज़ार करोड़ रुपए महाराष्ट्र के सरकारी खजाने से निकालकर कंपनियों को दिए गए। महायुति का गठन और उसका सरकार बनाना सत्ता के प्रति उसके लालच और लोकतांत्रिक मूल्यों की उपेक्षा का प्रमाण है। ग़लत तरीके से प्राप्त ऐसे इलेक्टरल बांड के पैसे से शिवसेना और राकांपा विधायकों की खुली खरीद-फरोख्त संभव हुई।”
राजनीतिक दल बदलो या जेल जाओ – जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पोस्ट में आगे लिखा “रिश्वतखोरी के अलावा, विधायकों और नेताओं को महायुति में शामिल होने के लिए मजबूर करने के लिए ED/CBI/IT को भी लगाया गया। इसका प्रमाण स्वयं महायुति नेताओं से मिला है। उदाहरण के लिए सांसद रवींद्र वायकर ने विशेष रूप से कहा था कि जब वे MVA में थे तब उनके पास दो विकल्प थे – “राजनीतिक दल बदलो या जेल जाओ।”
इलेक्टोरल बॉन्ड महाघोटाले के लगातार सामने आ रहे हैं
जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए X पोस्ट में लिखा “नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की कल्पना से उपजे इलेक्टोरल बॉन्ड महाघोटाले के लगातार सामने आ रहे किस्सों पर मेरे सहयोगी @Pawankhera का बयान। महाराष्ट्र में महायुति सरकार ने चुनावी चंदे के बदले में इन्फ्रास्ट्रक्चर टेंडर में कुछ कंपनियों को विशेषाधिकार दिया, जिससे करदाताओं को कम से कम 10,903 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है। प्री-पेड चंदा, पोस्ट पेड धंधा!”
इलेक्टोरल बॉन्ड महाघोटाले
आजकल समाचार में लगातार इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित खबरें देखने को मिल रही हैं, तो ऐसे में सरकार पर सवाल उठने ही हैं। कभी कोई नेता इस घोटाले में सम्मिलित मिलता है तो कभी कोई। बाकी आपको क्या लगता है इलेक्टोरल बॉन्ड को बंद करना चाहिए? क्या इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है? इसको लेकर आप क्या राय रखते हैं हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें l
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