मनीष सिसोदिया की रिहाई तानाशाही के मुंह पर तमाचा है

0

मनीष सिसोदिया 26 फरवरी 2023 को कथित शराब घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए थे, उसके बाद सिसोदिया को 9 अक्टूबर को ईडी ने भी गिरफ्तार कर लिया था। मनीष सिसोदिया पिछले 17 महीनों से जेल में थे, जिसके बाद उन्हें अब जमानत मिल गयी है। इसपर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने तंज़ कस्ते हुए कहा कि “देखिये यह तानाशाही के मुंह पर एक करारा तमाचा है, जो मनीष सिसोदिया जी को बेल मिली है। 17 महीने उनको जेल के पीछे रखा क्योंकि ईमानदारी से डर लगता है भाजपा को”

ईमानदारी से डरती है भाजपा!

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, कि अरविन्द केजरीवाल जी को भी जेल में इसलिए रखा हुआ है, क्योंकि उनकी नीतियों का मुकाबला नहीं कर सकती भाजपा, जब ED कोर्ट ने बेल दे दी, जब सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम बेल दे दी, तो फिर अरविन्द केजरीवाल जी को जेल में रखने का क्या मतलब है? भाजपा ने 17 महीने से मनीष सिसोदिया जी को जेल के पीछे रखा, क्योंकि भाजपा ईमानदारी से डर लगता है।

षडयंत्र की सरकार भाजपा

भाजपा पर निशाना साधते हुए प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा को षडयंत्र वाली सरकार बताया, उन्होंने कहा, हमारे नेताओं को पहले जेल में डाला जाता है फिर केस बनाया जाता है फिर ट्रायल शुरू होता है। यह क्या है, यह तानाशाही है, क्योंकि आप अपनी किसी भी विपक्षी की आवाज को दबाना चाहते हैं। लेकिन हम आम आदमी पार्टी जनता के मुद्दों पर काम करने आई थी और हम जनता के मुद्दों पर लगातार काम करते रहेंगे। भाजपा ने बहुत कोशिश की हम पर कीचड़ डालने की, बहुत कोशिश की हमें कुचलने की, लेकिन आप देख ही सकते हैं इनके सारे षडयंत्र फेल हो रहे हैं।

कथित शराब घोटाले में हुए थे गिरफ्तार

केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था। जिस पॉलिसी के तहत शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और शराब दुकानें निजी हाथों में चली गईं थी। हालांकि इस पॉलिसी के पहले से ही विवादों में रहने के कारण 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया। 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट ने कथित शराब घोटाले का खुलासा किया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, मनोज सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगे थे। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया। मुख्य सचिव ने मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से नई नीति बनाकर लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचने का आरोप लगाया गया। इसी वजह से उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

अब शर्तों पर मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देते समय कहा कि ‘आप समाज के एक सम्मानित सदस्य हैं और आपके भागने की कोई संभावना नहीं है।’ इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया कि मामले के अधिकांश सबूत पहले ही पेश किए जा चुके हैं और उनके साथ छेड़छाड़ की संभावना भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 10 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। इसके साथ ही उन्हें दो प्रमुख शर्तों का पालन करना होगा। पहली शर्त है कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और दूसरी शर्त है कि उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को थाने में हाजिरी लगानी होगी।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *