महंगाई से जुड़ी एक बुरी खबर, कई जरूरी दवाएं 50% तक महंगी – कांग्रेस
कांग्रेस ने दवाईयों के महंगे होने को लेकर भाजपा सरकार को घेरते हुए अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर लिखा “महंगाई से जुड़ी एक और बुरी खबर आई है। देश में कई जरूरी दवाएं 50% तक महंगी कर दी गईं हैं। इनमें अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, टीबी और मेंटल हेल्थ के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं।”
2023 में रिकॉर्ड 12% और 2022 में 10% कीमतें बढ़ी – कांग्रेस
कांग्रेस ने ऑफिशल X अकाउंट पर पोस्ट करते हुए आगे लिखा “आपको याद होगा- इस साल 1 अप्रैल से करीब 800 दवाओं की कीमतें बढ़ गई थी। जिसमें पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटीइंफेक्शन की दवाएं शामिल थीं। वहीं, दवा की कीमतें 2023 में रिकॉर्ड 12% और 2022 में 10% तक बढ़ाई गई थीं।”
जनता को लूटो और दोस्त की तिजोरी भरो – कांग्रेस
कांग्रेस ने X पोस्ट में आगे लिखा “ये दिखाता है कि नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य जैसी बेहद जरूरी सुविधा पर भी वसूली करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उनका सिर्फ एक ही लक्ष्य है- जनता को लूटो और दोस्त की तिजोरी भरो।”
क्या भाजपा को नहीं आम की फिक्र?
जिस तरह से भाजपा सरकार में लगातार दवाईयों की कीमत बढ़ रही है उसे देख कर तो लगता है भाजप सरकार को आम जनता की जेब पर पड़ने वाली मार कोई मतलब नहीं है। वर्ष 2022 में दवाईयों पर 10% कीमत बढ़ाई गई और वर्ष 2023 में भी दवाईयों पर 12% की बढ़ोतरी की गई, ऐसे में आम जनता किस तरह अपनी दवाईयों को खरीद पाएगी? क्या मोदी सरकार आम जनता की जेब से ज्यादा बड़े बड़े उद्योगपतियों के बारे में सोच रही है? अगर यह सच है तो आने वाले समय में आम जनता का क्या होगा?
कब सुनेगी सरकार?
एक तरफ मोदी सरकार महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरते रहती है वहीं दूसरी तरह भाजपा सरकार खुद चीजों के दाम बढ़ाती रहती है। क्या भाजपा सरकार जनता को हितैषी बनकर दिखाती है जबकि पर्दे के पीछे भाजपा सरकार कुछ और ही है? क्या भाजपा सरकार नहीं चाहती कि एक आम आदमी की जेब में कुछ रूपये बच जाएं? क्या भाजपा सरकार आम जनता की परेशानियों को नहीं देखना चाहती, उनको बस कंपनियों के फायदे और खुद के फायदे से ही मतलब है? खैर इन सब सवालों के जवाब तो खुद भाजपा सरकार के पास ही है। बाकी आप इस मुद्दे पर अपनी क्या राय रखते हैं, हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।
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