नेताजी का ‘केन-बेतवा लिंकिंग प्रोजेक्ट’ अब तक पूर्ण हो जाता

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केन-बेतवा लिंकिंग प्रोजेक्ट

केन-बेतवा लिंकिंग प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नदी जोड़ो परियोजना केन-बेतवा लिंकिंग प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया, जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों की पेयजल समस्या हल करने के साथ-साथ खेतों की सिंचाई में लाभ प्रदान करेगी। अखिलेश यादव ने इस पर भाजपा सरकार को घेरते हुए X पोस्ट में लिखा, “‘नदियों को जोड़ना, देश को जोड़ने का काम होता है’ इसी बड़ी सोच के साथ अपने नेताजी ने ‘देश में सबसे पहले दो राज्यों की नदियों को जोड़ने की परियोजना’ की संकल्पना की थी और मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री जी के साथ केन-बेतवा लिंकिंग प्रोजेक्ट के एमओयू को हस्ताक्षरित कर के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी को प्रस्तुत किया था।”

वर्तमान सरकार ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दी होती, तो यह अब तक पूर्ण हो जाता

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने X पर लिखा, “इस परियोजना के पीछे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, पेय जल और विद्युत उत्पादन के साथ-साथ सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के जल स्तर मे सुधार और इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए निवेश व पर्यटन के नए दरवाज़े खोलकर आत्मनिर्भरता बढ़ाने और पलायन को रोकने का बड़ा नज़रिया काम कर रहा था। अगर वर्तमान केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सही प्राथमिकता दी होती तो नेताजी का यह महान कार्य और पहले ही शुरू होकर अब तक पूर्ण हो जाता।”

क्या है केन-बेतवा लिंकिंग प्रोजेक्ट?

इस परियोजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई और 2.13 किलोमीटर लंबाई वाला बांध बनाया जाएगा। इसको दौधन बांध के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ-साथ 2 टनल का निर्माण करके बांध में 2853 मिलियन घन मीटर पानी को स्टोर किया जाएगा। इस परियोजना का सबसे ज्यादा लाभ मध्यप्रदेश के पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया को मिलेगा। वहीं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों की बात करें तो, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा को लाभ मिलेगा।

क्यों पड़ी इस परियोजना की जरूरत?

हमारा भारत इतना बड़ा देश है कि यहां काफी विविधता पाई जाती है। किसी क्षेत्र में पानी से बाढ़ आ जाती है, तो किसी क्षेत्र में सूखा पड़ जाता है। इस समस्या को कम करने के लिए नेशनल पर्सपेक्टिव योजना बनाई गई थी। इस योजना की इस तरीके से रचना की गई थी, कि जिस क्षेत्र में पानी ज्यादा होता है उसका पानी स्टोर करके, सूखा पड़ने वाले क्षेत्रों में पहुंचाया जा सके।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के अनुसार यह योजना मनमोहन सिंह जी के समय बनाई गई थी। जिसे इतने लंबे समय के बाद आगे बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया गया है। अगर यह योजना इतनी जरूरी थी, तो इस पर पहले ही कार्य किया जाना चाहिए था। बाकी इस मुद्दे पर आपका क्या कहना है, अपनी राय आप हमें कॉमेंट बॉक्स में साझा कर सकते हैं। इस तरह की ताजा न्यूज अपडेट पाने के लिए हमारी वेबसाइट को ध्यान में रखें।

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