69,000 शिक्षक भर्ती में युवाओं पर आर्थिक एवं मानसिक रूप से आघात किया जा रहा है

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69000 शिक्षक भर्ती मामले पर भाजपा सरकार को घेरते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने X पोस्ट में लिखा “उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में भाजपा ने जैसा युवा और सामाजिक न्याय विरोधी रवैया अपनाया है, वह हैरान करने वाला है। दोहरा खेल, खेलकर आरक्षित और अनारक्षित- दोनों श्रेणी के युवाओं पर सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से आघात किया जा रहा है।”

भाजपा की मंशा सामाजिक न्याय को लटकाने की है

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा “पहले भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण घोटाला कर सैकड़ों दलित, पिछड़े अभ्यर्थियों का हक मारा। और अब भी भाजपा की मंशा सामाजिक न्याय को लटकाने और भटकाने जैसी ही है। यह अन्याय बंद होना चाहिए।”

भाजपा सरकार नौकरी देने वाली सरकार नहीं है

इस मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने X पोस्ट में भाजपा पर तंज कसते हुए लिखा “भाजपा सरकार नौकरी देने वाली सरकार नहीं है। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार दोहरा खेल न खेले। इस दोहरी सियासत से दोनों पक्ष के अभ्यर्थियों को ठगने और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक रूप से ठेस पहुंचाने का काम भाजपा सरकार न करे। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की भ्रष्ट-प्रक्रिया का परिणाम अभ्यर्थी क्यों भुगतें।”

भर्ती को फिर से लंबे समय तक टालना चाह रही भाजपा

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा “जो काम 3 दिन में हो सकता था, उसके लिए 3 महीने का इंतज़ार करना और ढिलाई बरतना बताता है कि भाजपा सरकार किस तरह से नई सूची को जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में उलझाना व सुप्रीम कोर्ट ले जाकर शिक्षक भर्ती को फिर से लंबे समय के लिए टालना चाह रही है। सुप्रीम कोर्ट ले जाकर भर्ती लटकाने की भाजपाई चालबाज़ी को अभ्यर्थी समझ रहे हैं। उप्र भाजपा सरकार का ऐसा आचरण घोर निंदनीय है। भाजपा न इनकी सगी है, न उनकी।”

मायावती ने भी भाजपा को घेरा

बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए X पोस्ट में लिखा “उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रूख़ अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी ना ईन्साफी ना हो।”

क्या भाजपा दोहरी रणनीति के साथ खेल रही है?

क्या उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिवाड़ कर रही है? क्या भाजपा नहीं चाहती कि शिक्षकों की भर्तियां हो? क्या भाजपा सच में युवाओं के भविष्य को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बीच उलझना चाहती है? आप इस बारे में अपनी क्या राय रखते हैं, हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।

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