इंडिया गठबंधन की बैठक से अखिलेश यादव ने सीट बंटवारे की रखी शर्त
इंडिया गठबंधन की बैठक से अखिलेश यादव ने सीट बंटवारे की रखी शर्त
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद इंडिया गठबंधन में एक बार फिर से रार पड़ती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल पांच राज्यों के चुनावों के परिणाम के बाद इंडिया गठबंधन ने आज यानी की 6 दिसंबर को बैठक बुलाई थी, लेकिन अखिलेश यादव सहित कई नेताओं ने बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया, जिसके चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया। वहीं इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के सामने एक शर्त रखी है।
कांग्रेस से नाराज हैं अखिलेश यादव
सपा मुखिया अखिलेश यादव मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा एक भी सीट न दिए जाने के चलते कांग्रेस पार्टी से नाराज हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी उसी वक्त जाहिर करते हुए कहा था कि जिस प्रकार का व्यवहार उनके साथ मध्य प्रदेश में हुआ है, वैसा ही व्यवहार कांग्रेस पार्टी के साथ उत्तर प्रदेश में होगा। वहीं अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन की 6 दिसंबर को होने वाली बैठक में शामिल न होने की असमर्थता जताते हुए एक बार फिर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
पहले सीटों का बंटवारा चाहते हैं अखिलेश
अखिलेश यादव सहित कई नेताओं की अनुपस्थिति को देखते हुए इंडिया गठबंधन ने बैठक 16 दिसंबर को बुलाने का फैसला लिया है। हालांकि अखिलेश यादव ने बैठक में शामिल होने से पहले साफ संकेत दिए हैं कि पहले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा होगा, उसके बाद ही आगे की बात होगी। अखिलेश यादव ने बैठक से पहले यह भी स्पष्ट किया है कि जो पार्टी जहां पर मजबूत होगी वही पार्टी उसे जगह नेतृत्व करेगी और अन्य पार्टियां सहयोग करेंगी।
क्या अखिलेश की शर्त मानेगी कांग्रेस?
इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने से पहले अखिलेश यादव ने सीट बंटवारे की जो शर्त रखी है, क्या कांग्रेस पार्टी उस शर्त को मानेगी? अखिलेश यादव की शर्त पर आम जनता का कहना है कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में काफी मजबूत हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी को अखिलेश यादव की शर्त मान लेनी चाहिए। हालांकि आम जनता का यह भी कहना है कि कांग्रेस पार्टी बड़ी पार्टी है। बिना बैठक में चर्चा किए कोई भी फैसला लेना इंडिया गठबंधन के लिए हानिकारक हो सकता है।