नीतीश कुमार को वाराणसी में रैली के लिए अनुमति न मिलने पर योगी सरकार को बताया तानाशाही, भाजपा ने नीतीश की मानसिक हालत पर उठाए सवाल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वाराणसी में रैली करने के लिए अनुमति न मिलने के बाद जेडीयू ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाराणसी में रैली करने के लिए आने वाले थे, लेकिन रैली के लिए उन्हें अनुमति ही नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है।
जेडीयू ने लगाया तानाशाही के आरोप।
वाराणसी में रैली के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इजाजत न मिलने पर उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि 24 दिसंबर को नीतीश कुमार की वाराणसी में रैली का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था, लेकिन वाराणसी में रैली के लिए उन्हें इजाजत ही नहीं मिली। इसके बाद जेडीयू ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, वह नहीं चाहते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाराणसी में अपनी रैली करें।
भाजपा ने भी किया पलटवार।
जेडीयू द्वारा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लगाए गए आरोपों को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने नीतीश कुमार पर पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, “नीतीश की बात सुनने कौन आएगा? उन्हें नहीं पता है कि वह क्या कहना चाहते हैं। उन्होंने विधानसभा में अनुचित बयान दिया है और वह वाराणसी में रैली करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा, “हर कोई जानता है कि नीतीश अपना होश खो चुके हैं। उन्हें मनोवैज्ञानिक उपचार की जरूरत है और उन्हें बिहार को छोड़ देना चाहिए।” इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार में बिहार को जंगल राज की ओर बढ़ने का बयान देते हुए कहा कि राज्य फिर से ‘जंगल-राज’ की ओर बढ़ रहा है। हर दिन अपराध हो रहा है।
क्यों वाराणसी में रैली के लिए नहीं मिली अनुमति।
नीतीश कुमार को वाराणसी में रैली के लिए अनुमति न मिलने पर जनता ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी से सवाल पूछा है कि आखिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वाराणसी में रैली के लिए अनुमति क्यों नहीं दी गई है? वहीं दूसरी तरफ जनता का यह भी कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री को बयान देने से पहले यह सोचना चाहिए कि वह क्या बोल रहे हैं।