Parliament- सत्ता पक्ष के लोग कानून के खिलाफ बात करते हैं, तो उन्हें मौका..
Parliament की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना और विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं देने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “हम सदन में अपनी बात रखना चाहते हैं। हम देश को बताना चाहते हैं कि जनता के मुद्दों के लिए हम किस स्तर से अपनी बात रख रहे हैं। लेकिन हमें वक़्त ही नहीं दिया जा रहा है। सत्ता पक्ष के लोग कानून के खिलाफ बात करते हैं तो उन्हें मौका दिया जाता है। मैं दुख के साथ कहना चाहता हूं कि जो लोग किसी विषय पर नहीं बोलना चाहते, सिर्फ दूसरों पर टीका-टिप्पणी करने में लगे रहते हैं, उन्हें सरकार और सभापति की ओर से प्रोत्साहन मिल रहा है।”
Parliament में दोनों पक्षों को बराबरी का दर्जा देना चाहिए
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “मैं बार-बार उठता रहा, लेकिन उन्होंने कभी हमारे लिए गंभीरता नहीं दिखाई। सभापति को किसी का पक्ष नहीं लेना चाहिए। दोनों पक्षों को बराबरी का दर्जा देना चाहिए। एक तरफ नेता सदन को बात करने के लिए मौका दिया जाता है, दूसरी तरफ विपक्ष में बैठे हुए लोगों को मौका ही नहीं मिलता। इस बारे में हमने कई बार अपील की, लेकिन वे सुनने के लिए तैयार ही नहीं हैं। जब हमें बोलने का मौका ही नहीं मिलता तो अपनी बात हम कहां रखें?”
सत्ता पक्ष के लोग वेल के नजदीक आकर चिल्लाते हैं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “आज तक ऐसा नहीं हुआ कि जब सत्ता पक्ष ही सदन बंद करने के लिए आगे आता है। हम लोग शांति से सुनना चाहते हैं, डिबेट करना चाहते हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग वेल के नजदीक आकर चिल्लाते हैं। सभापति हमेशा कहते हैं कि मैं किसान का बेटा हूं। इस पर मेरा कहना है कि हम भी किसान और मजदूर के बेटे हैं। मैं कभी डरने वाला नहीं हूं। मैं अपने स्वाभिमान के लिए लड़ता रहूंगा। हम लड़ते आए हैं और ये लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक हमें समान अधिकार नहीं मिल जाते।”
जब हम खड़े होते हैं तो पूरा सत्ता पक्ष खड़ा हो जाता है
मल्लिकार्जुन ने आगे कहा “संविधान के तहत हमें जो मिलना चाहिए, वह अगर नहीं मिला तो हम लड़ते ही रहेंगे। सदन में जब हम खड़े होते हैं तो पूरा सत्ता पक्ष खड़ा हो जाता है। उन्हें शांत कराना और हमें बोलने देना यह सभापति का काम है और कई सारे लोग यह करते आए हैं। आजकल तो सदन में ऐसा माहौल हो गया है कि टीवी भी उनका, दिखाने वाले भी उनके… यानी सब कुछ उनके कंट्रोल में है। हम जब बोलते हैं, तब दिखाया नहीं जाता। ऐसा पहले नहीं था। पहले सभापति को भी दिखाया जाता था और जो बोलते थे, उनको भी दिखाया जाता था।”
लोकतांत्रिक तरीके से सदन कैसे चल पाएगा?
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “हमारे लोग ही बाहर पूछते हैं क्या आप सदन में नहीं थे- क्योंकि आप दिखे नहीं। ये सब करके लोगों के बीच ऐसा नजरिया बनाना चाहते हैं कि सदन में विपक्ष के लोग ही हंगामा करते हैं। अगर आप कभी गैलरी में बैठेंगे तो आपको पता चलेगा कि असलियत में हंगामा सत्ता पक्ष कर रहा है। सदन में हमारे बोलने के समय सत्ता पक्ष के लोग हंगामा करने लगते हैं, ऐसे में हमें जोर से बोलना पड़ता है, जो कि हमें पसंद नहीं है, लेकिन ये सब मजबूरी में करना पड़ता है। अगर सत्ता पक्ष अपनी गलतियां नहीं सुधारेगा और दूसरों को बात करने के लिए मौका नहीं देगा, तो लोकतांत्रिक तरीके से सदन कैसे चल पाएगा?”
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