BJP के लोगों ने पिछले दरवाज़े से 65% आरक्षण सीमा को निरस्त कराया
पिछड़े वर्ग के आरक्षण बढ़ाने को लेकर विपक्ष द्वारा भाजपा सरकार को बार-बार घेरा जाता है। लेकिन भाजपा सरकार जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं देती है। इसी वजह से राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख तेजस्वी यादव ने बिहार एवं केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए X पोस्ट में लिखा “बीजेपी के लोगों ने पिछले दरवाज़े से 65% आरक्षण सीमा को निरस्त कराया। अब हमारी मांग है कि बिहार सरकार पुन: एक नया विधेयक लाकर इसकी सीमा को 85% (75+ 10%EWS) तक बढ़ाए।”
आरक्षण की सीमा 65% तक बढ़ाकर लागू कराने का निर्णय
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने X पोस्ट में लिखा “हमारी 17 महीनों की सरकार ने बिहार में जाति आधारित सर्वे करवा कर 2 अक्टूबर 2023 को जाति गणना के सर्वे को प्रकाशित कर 9 नवंबर 2023 मेरे जन्मदिवस के अवसर पर आरक्षण की सीमा 65% तक बढ़ाकर उसे तत्काल प्रभाव से सरकारी नियुक्तियों में लागू कराने का निर्णय लिया गया।”
धुर विरोधी बीजेपी सरकार ने इसे स्वीकृत नहीं किया
तेजस्वी यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए X पोस्ट में लिखा “उसके बाद हमने इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा। लेकिन दलितों-पिछड़ों-अतिपिछाड़ों और आदिवासियों के आरक्षण की धुर विरोधी बीजेपी सरकार ने एक साल बाद भी अभी तक इसे स्वीकृत नहीं किया है।”
नीतीश सरकार दोषी है
युवा नेता तेजस्वी यादव ने आगे लिखा “65% आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में नहीं डालने से आरक्षित वर्गों यथा दलितों-पिछड़ों-अतिपिछड़ों और आदिवासियों को लाखों पदों पर नौकरियों का नुकसान हो रहा है। अगर NDA सरकार 65% आरक्षण सीमा का समर्थन नहीं करती है तो इसका सीधा अर्थ है कि 65% आरक्षण के अनुसार सरकारी नौकरियों में आरक्षित वर्गों को 16% कम नौकरियां मिलेंगी। इसके लिए नीतीश सरकार दोषी है।”
BJP ने पिछले दरवाज़े से 65% आरक्षण सीमा को निरस्त कराया
तेजस्वी यादव ने X पर लिखा “जदयू के बल पर यह सरकार चल रही है लेकिन अब मुख्यमंत्री जी सहित पार्टी में नैतिक और वैचारिक साहस नहीं कि बाबा साहेब के आरक्षण विरोधी केंद्र सरकार को इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने पर मजबूर कर सके। बीजेपी के लोगों ने पिछले दरवाज़े से 65% आरक्षण सीमा को निरस्त कराया। अब हमारी मांग है कि बिहार सरकार पुन: एक नया विधेयक लाकर इसकी सीमा को 85% (75+ 10%EWS) तक बढ़ाए और इसे 9वीं अनुसूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव NDA की केंद्र सरकार को भेंजे।”
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