गृह मंत्री अमित शाह माफ़ी मांगें और उनको कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए

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अमित शाह माफ़ी मांगें

अमित शाह माफ़ी मांगें

अमित शाह माफ़ी मांगें: अंबेडकर जी के मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी सरकार को घेर रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा अनेकों प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही हैं। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा, “पिछले 7 दिन से कांग्रेस पार्टी ‘अंबेडकर सम्मान सप्ताह’ मना रही है। हमने अमित शाह द्वारा अंबेडकर जी के अपमान किए जाने के मामले में देश के 100 से ज्यादा शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की हैं। आज सभी जिलों में बैठक हो रही है, मोर्चा निकालकर एक दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, जिसे राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा।”

गृह मंत्री अमित शाह माफ़ी मांगें

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा, “हमारी मांग है, गृह मंत्री अमित शाह माफ़ी मांगें और उनको कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए। हमारे लिए यह ऐतिहासिक बैठक है। कुछ साल पहले उदयपुर में चिंतन शिविर हुआ था, जिससे ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का निर्णय सामने आया था। उम्मीद है कि बेलगावी से भी कुछ ऐतिहासिक निर्णय निकलेंगे।”

कांग्रेस ‘नव सत्याग्रह का संकल्प’ लेकर आगे बढ़ेगी

जयराम रमेश ने कहा, “26 दिसंबर, 2024 को बेलगावी में विस्तृत CWC की विशेष बैठक हो रही है। बेलगावी वही जगह है, जहां 100 साल पहले महात्मा गांधी जी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। इस बैठक का नाम ‘नव सत्याग्रह’ रखा गया है, क्योंकि 100 साल पहले गांधी जी ने सत्याग्रह का ऐलान बेलगावी से किया था। उसी जगह से कांग्रेस ‘नव सत्याग्रह का संकल्प’ लेकर आगे बढ़ेगी।”

बेलगावी में 27 दिसंबर को एक बड़ी रैली

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बेलगावी में 27 दिसंबर को एक बड़ी रैली होगी, जिसमें देशभर से कांग्रेस के सभी नेता, कार्यकर्ता शामिल होंगे। इस रैली का नाम ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ होगा। 26 दिसंबर, 2024 को दो प्रस्ताव पारित होंगे, जिन्हें देश के सामने रखा जाएगा- इसमें कांग्रेस पार्टी के अगले एक साल का एक्शन प्लान शामिल होगा।”

पारी की शुरुआत बेलगावी से शुरू हुई थी

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, “बेलगावी अधिवेशन में जब महात्मा गांधी जी कांग्रेस अध्यक्ष बने, तब उन्होंने कहा था कि जवाहरलाल नेहरू जी AICC के जनरल सेक्रेटरी होंगे। हालांकि, जवाहरलाल नेहरू जी पहली बार काकीनाड़ा अधिवेशन, 1923 में जनरल सेक्रेटरी बन गए थे, लेकिन उनकी लंबी पारी की शुरुआत बेलगावी से शुरू हुई थी- इस बारे में उन्होंने अपनी किताब में भी लिखा था।”

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