गृह मंत्री अमित शाह जी ने बाबासाहेब अंबेडकर जी का घोर अपमान किया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा सरकार को अंबेडकर जी के मुद्दे पर घेरा। जयराम रमेश ने अमित शाह जी द्वारा अंबेडकर जी के लिए सदन में कहे गए शब्दों पर घेरते हुए कहा “गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहेब अंबेडकर जी का घोर अपमान किया। संविधान में पहला संशोधन 18 जून, 1951 को लाया गया। जिसमें 3 नए अनुच्छेद लाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को खारिज कर दिया था तो अनुच्छेद 15(4) लाया गया। जिसमें SC/ST और OBC के लिए शिक्षा के स्थानों में आरक्षण का प्रावधान किया गया था।”
साम्प्रदायिक प्रचार भयंकर तरीके से फैलाया जा रहा है
जयराम रमेश ने आगे कहा “फ्रीडम ऑफ स्पीच पर रीजनेबल रिस्ट्रिक्शन लगाई गई, क्योंकि 3 जुलाई 1950 को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जवाहरलाल नेहरू जी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि हमें साम्प्रदायिक प्रचार से लड़ना है, क्योंकि साम्प्रदायिक प्रचार भयंकर तरीके से फैलाया जा रहा है। इसलिए 19(2) लाया गया।”
जमींदारी से निपटने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ा
जयराम रमेश ने मीडिया के सामने कहा “जमींदारी जो हटाई गई थी, उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इससे निपटने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ा और 31(B) लाया गया। ये संशोधन किसी की मनमर्जी से नहीं आया, ये सामाजिक क्रांति और लोगों के हक को बचाने के लिए लाया गया।”
अमित शाह जी ने बाबासाहेब अंबेडकर जी का अपमान किया
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “अमित शाह जी ने कल सदन में जब बाबासाहेब अंबेडकर जी का नाम लेकर बयान दिया, तब मैंने हाथ उठाकर बोलने की इजाजत मांगी थी। लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। उस समय हम सब सहयोग की भावना से चुपचाप बैठे रहे, क्योंकि हम संविधान पर चर्चा कर रहे थे। अमित शाह जी ने जिस तरह से बाबासाहेब का अपमान किया, उसे लेकर पूरे विपक्ष ने विरोध जताया है, इसलिए मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं।”
BJP वालों के दिमाग में मनुस्मृति और RSS की विचारधारा है
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “अमित शाह और BJP वालों के दिमाग में जो मनुस्मृति और RSS की विचारधारा है, वो दर्शाती है कि वे बाबासाहेब के संविधान का आदर नहीं करते। इसलिए हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। बाबासाहेब का अपमान देश और देशवासी सहन नहीं करेंगे। हमारी मांग है- अमित शाह पूरे देश से माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें।”
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