इंदिरा भवन का उद्घाटन हमारे पार्टी के इतिहास में एक मील का पत्थर

इंदिरा भवन
दिल्ली में आज कांग्रेस ने अपने स्थाई दफ्तर ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन किया। जिसमें सम्मिलित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के इतिहास पर थोड़ा प्रकाश डालते हुए अनेक मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
‘इंदिरा भवन’ के नाम से कांग्रेस का स्थाई दफ्तर
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आज कांग्रेस मुख्यालय का उद्घाटन हमारे पार्टी के इतिहास में एक मील का पत्थर है। ‘इंदिरा भवन’ के नाम से कांग्रेस का स्थाई दफ्तर बनना हम सबके लिए बहुत गर्व की बात है। ये खुशी की बात है कि हमारे महान नायकों ने जहां सोचा था, ये भवन उसी इलाके में बना है।”
पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की अध्यक्षता में हुई CWC मीटिंग
खड़गे जी ने कहा, “31 दिसंबर, 1952 को पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की अध्यक्षता में हुई CWC मीटिंग में यह बात उठी थी। उस मीटिंग की कार्यवाही से कुछ बातें आपके सामने रखना चाहता हूं- “The committee considered the question of the purchase of the site for the AICC office building. It was decided that a site for the AICC office be purchased in the Indraprastha state on the terms offered.”
मुख्यालय का शिलान्यास 28 दिसंबर, 2009
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “यानी यह उस दिन की आवाज थी कि इसी इलाके में कांग्रेस का दफ्तर बने। यह निर्णय नेहरू जी के घर में हुई CWC की मीटिंग में लिया गया था। मुझे खुशी है कि जवाहरलाल नेहरू जी की ख्वाहिश श्रीमती सोनिया गांधी जी ने पूरी की है। इस मुख्यालय का शिलान्यास 28 दिसंबर, 2009 को कांग्रेस के 125वें स्थापना दिवस पर सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में हुआ था, फिर उन्हीं की देखरेख में भवन निर्माण का काम आगे बढ़ा। इसलिए मैंने सोनिया गांधी जी से अनुरोध किया कि वे इस भवन का उद्घाटन करें।”
इसीलिए भवन का नाम ‘इंदिरा भवन’ रखा गया
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आजादी की लड़ाई के सबसे कठिन मौके पर 1920 से 1947 तक कांग्रेस का मुख्यालय इलाहाबाद में स्वराज भवन था। स्वराज भवन में ही इंदिरा गांधी जी का जन्म हुआ था और इसीलिए इस भवन का नाम ‘इंदिरा भवन’ रखा गया है। आजादी के बाद मुख्यालय इलाहाबाद से दिल्ली आया। साल 1969 में जंतर-मंतर रोड से निकलकर राजेंद्र प्रसाद मार्ग पर रहा, इसके बाद 1978 से अब तक 24, अकबर रोड पर मुख्यालय है।”
कांग्रेस मुख्यालय सिर्फ पत्थरों की इमारत नहीं
खड़गे जी ने आगे कहा, “कांग्रेस मुख्यालय सिर्फ पत्थरों की इमारत नहीं है। यह आजादी के आंदोलन के समय से ही हमारी प्रगतिशील विचारधारा और विचारों का केंद्र रहा, इसीलिए मैं मानता हूं कि हमारा मुख्यालय देश के लिए ‘स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी’ है। पहले कांग्रेस मुख्यालय से देश की आजादी की लड़ाई लड़ी गई, फिर राष्ट्र निर्माण का काम हुआ, जिसके लिए गांधी जी, इंदिरा जी, राजीव जी समेत कई कांग्रेस जनों को शहादत देनी पड़ी।”
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