मोदी जी का चीनी प्रेम भारत की संप्रभुता एवं अखंडता के लिए खतरा है
मोदी जी के चीन प्रेम को देखते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए X पर बहुत कुछ कहा। एक तरफ मोदी जी आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, दूसरी तरफ चीन से आयात लगातार बढ़ रहा है। एक तरफ चीनी एप्स पर बैन लगाकर भारत की जनता को देश प्रेम दिखा रहे हैं, दूसरी तरफ चीन से ही लगातार आयात बढ़ा कर उनके लिए रेड कार्पेट बिछाने जैसा कार्य कर रहे हैं।
मोदी जी का चीनी प्रेम भारत की अखंडता के लिए खतरा
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा को घेरते हुए X पोस्ट में लिखा “मोदी जी का अथाह चीनी प्रेम भारत की आर्थिक और भौगोलिक सम्प्रभुता एवं अखंडता के लिए ख़तरा है। अब विदेश मंत्री ने कहा है कि चीन के साथ 75% Disengagement हो चुका है। यह वही विदेश मंत्री है जिन्होंने अप्रैल 2024 में “China has not occupied any of our land” जैसा बयान मोदी जी की Clean Chit को कॉपी कर के ही दिया है।”
हमारे 20 जांबाजों के प्राणों की आहुति
मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पोस्ट में आगे लिखा “यह अजीब बात है कि प्रधानमंत्री और उनके विदेश मंत्री चीन पर संसद में विपक्ष के सवालों पर मौन रहते हैं, पर विदेशी धरती पर बयानबाज़ी करते रहते हैं। गलवान में शहीद हमारे 20 जांबाजों के प्राणों की आहुति को दरकिनार कर चीन को Clean Chit थमाई। क्या ये सच नहीं है कि देपसांग मैदान, डेमचोक नाला और हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट में कई Patrolling Points से अभी भी भारत वंचित है?”
चीन के लिए रेड कार्पेट
खड़गे ने लिखा “क्या यह सच नहीं है कि मई 2020 के कई अतिक्रमण बिंदुओं पर भारत की दावा की गई रेखाओं के अंदर बफर ज़ोन बनाकर मोदी सरकार ने चीन के पक्ष में एक वास्तविक बदलाव को मंजूर कर दिया? ‘Make In India’ और ‘आत्मिनर्भर भारत’ पर पूर्णतः नाकाम रही मोदी सरकार अब डोकलाम और गलवान भूलकर चीनी कंपनियों के लिए ‘लाल कार्पेट’ बिछाने में मशगूल है।”
आत्मनिर्भर भारत का दिखावा
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा “मोदी सरकार ने पहले ही चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करना आसान कर दिया है और चीनी निवेश के लिए भी तैयारियां हो रही हैं। गलवान के बाद से चीनी समान का आयात 56% बढ़ गया है। ऐप बैन करना तो दिखावा था, मोदी सरकार अब खुलकर चीनी निवेश की पैरवी कर रही है।”
चीन से लगाव देश के लिए हानिकारक
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे लिखा “गुजरात में झूला-डिप्लोमसी से लेकर गलवान त्रासदी तक…PMCARES में चीनी फंड से लेकर अब विफ़ल PLI योजना में चीनी जान फूकने तक…यह आश्चर्य की बात नहीं कि सरकार की प्रिय, SEBI चेयरपर्सन भी चीनी कंपनियों में निवेश करने से पीछे नहीं है। नए ख़ुलासों से यही साबित होता है कि बहुत कुछ है जिसकी पर्देदारी है। मोदी जी का चीनी लगाव देश के लिए हानिकारक है।”
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