प्रचार के लिए 104 करोड़, चाय के लिए 114 करोड़ ₹ छवि को सुधारने में खर्च
बिहार की NDA सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रचार प्रसार में एक बड़ी राशि खर्च की जा रही है, जिसको लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने निशाना साधा और X पोस्ट में लिखा “मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार यात्रा तथा महिलाओं के नाम पर सोशल मीडिया इत्यादि पर प्रचार-प्रसार के लिए 104 करोड़ तथा चाय-पानी और अल्पाहार के लिए 114 करोड़ ₹ सरकार के खजाने से अलट-पलट वाली छवि को सुधारने में खर्च करेंगे। इसके अलावा 150 करोड़ एक PR कंपनी को भी दिया जाएगा।”
225,7800000 से अधिक अब अपनी बिगड़ी छवि सुधारने के प्रयास
तेजस्वी यादव ने X पोस्ट में लिखा “हमारे 10 लाख सरकारी नौकरियों के प्रण पर हमसे ये पूछने वाले शख़्स ने कि पैसा कहां से लाएगा? नौकरियों के लिए पैसा क्या बाप के घर से लाएगा? वही शख़्स गरीब राज्य के खजाने का 225,7800000 से अधिक अब अपनी बिगड़ी छवि सुधारने के प्रयास, प्रलोभन देने, सोशल मीडिया और चाय-पानी पर खर्च कर रहे है।”
गरीब राज्य का अरबों रुपए ऐसे बर्बाद करना क्या जायज़ है?
बिहार के युवा नेता तेजस्वी यादव ने X पर लिखा “पूर्णत: अपनी विश्वसनीयता,पहचान,साख और सिद्धांत खो चुके श्री नीतीश कुमार गरीब एवं पिछड़े राज्य बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई का हजारों करोड़ रुपए नॉन-स्टॉप विज्ञापनों में बहा रहे है। कुछ दिन पूर्व तक प्रधानमंत्री श्री मोदी और अमित शाह जी के बारे में सरकारी कार्यक्रमों में मीडिया को बोलते थे कि, “ऊ लोग कुछ काम करता है जी, खाली अख़बार में फोटो चमकाता है।” अब इनके बारे में कोई क्या कहे? मा॰ मुख्यमंत्री जी, अगर स्वयं की सोच शक्ति शेष है तो आत्ममंथन और चिंतन किजीए कि गरीब राज्य का अरबों रुपए ऐसे बर्बाद करना क्या जायज़ है?”
बड़े पैमाने पर पलायन, जानलेवा महंगाई
तेजस्वी यादव ने X पोस्ट में लिखा “20 बरस तक बिहार को बेतहाशा बेरोजगारी, बड़े पैमाने पर पलायन, जानलेवा महंगाई, अपरम्पार अपराध तथा भीषण भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर श्री नीतीश कुमार द्वारा पिछड़े व गरीब राज्य की गरीब जनता का 225,78,00,000 ₹ अपनी चुनावी पिकनिक पर फ़िज़ूलखर्ची करना क्या जायज़ है?”
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ ध्वस्त हुए सैंकड़ों पुल-पुलिया
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने X पर लिखा “जीविका दीदियों के दर्द, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ ध्वस्त हुए सैंकड़ों पुल-पुलिया, अनियंत्रित अपराध, बेलगाम महंगाई, रिकॉर्डतोड़ बेरोजगारी, प्रशासनिक अराजकता, थानों व ब्लॉक में अन्याय अत्याचार व रिश्वतखोरी की पराकाष्ठा, जहरीली शराब से हजारों लोगों की मौत, शराबबंदी की विफलता, स्मार्ट मीटर की भारी धोखाधड़ी,संस्थागत भ्रष्टाचार, अफ़सरशाही इत्यादि को कोई भी यात्रा अब इनके विनाश की मात्रा को नहीं छिपा सकती?”
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