पत्रकार के सवाल पर भड़के अखिलेश यादव, बताया – आपराधिक किस्म का संदिग्ध व्यक्ति

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पत्रकार के सवाल पर भड़के अखिलेश यादव बताया आपराधिक किस्म का संदिग्ध व्यक्ति

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जनसभा को संबोधित करने मध्य प्रदेश के पन्ना पहुंचे। अखिलेश यादव से जब पत्रकारों ने सवाल किया, तो अखिलेश यादव भड़क गए और पत्रकार से उसका नाम पूछने लगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव का यह वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। पत्रकारों के साथ ऐसे व्यवहार पर अखिलेश यादव की निंदा की जा रही है। वहीं समाजवादी पार्टी ने पत्रकार का फोटो सोशल मीडिया पर डालकर मध्य प्रदेश पुलिस से कार्यवाही की मांग की है।

पत्रकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का किया था जिक्र

चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे अखिलेश यादव जब पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे, तो इस दौरान एक पत्रकार ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर सवाल पूछा। पत्रकार ने पूछा “योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप टोंटी चोर हैं।” अखिलेश यादव पत्रकार के इस सवाल को सुनकर भड़क उठे और पत्रकार पर आरोप लगाने लगे। अखिलेश यादव ने कहा “तुम पत्रकार नहीं हो। बीजेपी के एजेंट हो बेटा।” सपा मुखिया ने जब पत्रकार का नाम पूछा और पत्रकार ने अपना नाम नूर काजी बताया, तो अखिलेश ने कहा “मुस्लिम हो आप, ऐसी भाषा होती है मुसलमानों की क्या?”

मध्य प्रदेश पुलिस से की जांच की मांग

समाजवादी पार्टी द्वारा पत्रकार को आपराधिक किस्म का संदिग्ध व्यक्ति बताते हुए मध्य प्रदेश पुलिस से जांच करने की मांग की है। समाजवादी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “मध्य प्रदेश के अजयगढ़ में पन्ना विधानसभा की सभा में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी की प्रेस वार्ता में पत्रकार के भेष में पहुंचा आपराधिक किस्म का संदिग्ध व्यक्ति। मध्य प्रदेश पुलिस जांच करे और बताए ये अपराधी प्रेस वार्ता में कहां से आया?”

क्या पत्रकार से ऐसी भाषा में बात करना ठीक ?

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पत्रकार के सवाल पर जिस प्रकार का बयान दिया है, उस पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। लोगों का कहना है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री को ऐसी भाषा का प्रयोग करना शोभा देता है? अखिलेश यादव आखिर किसी पत्रकार को किसी पार्टी का एजेंट कैसे बता सकते हैं ? इस बात को नहीं भूलना करना चाहिए कि अखिलेश यादव उसी इंडिया गठबंधन पार्टी के हिस्सा हैं, जिसने कई पत्रकारों को बैन कर दिया है। यानि कि इंडिया गठबंधन के नेता उन पत्रकारों को इंटरव्यू नहीं देंगे, जिन्हें बैन किया गया है, लेकिन क्या लोकतंत्र में नेताओं से सवाल करना गलत है ?

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