100 Smart City मिशन के नाम पर हज़ारों करोड़ फूंक दिए- सुप्रिया श्रीनेत

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100 Smart City– मोदी जी ने भारतीय जनता से वादा किया था कि वे 100 स्मार्ट सिटी बनाएंगे, लेकिन अभी तक वे अपने इस वादे को पूरा नहीं कर पाए हैं और तीन बार इस वादे की समय सीमा भी बढ़ा चुके हैं। ऐसे में विपक्ष ने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “जिन शहरों में काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है, क्या वे वाकई में स्मार्ट सिटी बन गए हैं?”

84 शहरों में ₹14,000 करोड़ के काम अधूरे

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “एक और जुमले का अंत, स्मार्ट सिटी मिशन खत्म। 100 में से सिर्फ 16 शहरों में काम पूरे होने का दावा, 84 शहरों में ₹14,000 करोड़ के काम अधूरे, 10 साल में 3 बार स्कीम की डेडलाइन बढ़ी। स्कीम की तारीखें- जून 2015 में घोषित हुई थी स्कीम, सितंबर 2016 में 60 शहरों का चयन, जून 2017 में 30 शहरों का चयन, जनवरी 2018 में 10 शहरों का चयन, 100 शहरों को मार्च 2023 तक प्रोजेक्ट पूरे करने थे।”

Smart City के कुछ मापदंड

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बताए स्मार्ट सिटी के मापदंड –

  1. पर्याप्त जल और बिजली आपूर्ति/ Adequate Water and Electricity Supply
  2. कूड़ा प्रबंधन/Sanitation & Solid Waste Management
  3. कुशल सार्वजनिक परिवहन/Efficient Public Transport
  4. कम आय वर्ग के लिए आवास/ Affordable Housing
  5. IT कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण/ IT Connectivity, Digitalisation
  6. ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी/
    e-Governance & Citizen Participation
  7. पर्यावरण संरक्षण/ Sustainable Environment
  8. नागरिकों की सुरक्षा/Safety and Security of Citizens
  9. अच्छी स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं/Health and Education

क्या वाक़ई में स्मार्ट सिटी बन गए हैं?

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “इस हिसाब से तो जिन शहरों में काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है – क्या वे वाक़ई में स्मार्ट सिटी बन गए हैं? बरेली से लेकर रांची, सूरत से लेकर वाराणसी, वडोदरा से लेकर पुणे में स्मार्ट क्या बना? यह तो नहीं समझ आया, बड़ी-बड़ी सड़कें ज़रूर अभी भी खुदी हुई हैं। किसानों की दोगुनी आमदनी हो या रुपया डॉलर एक क़ीमत पर करना या 15 लाख हर अकाउंट में या 2 करोड़ सालाना रोज़गार या 100 स्मार्ट सिटी का जुमला – योजनाएं तो खूब ढोल नगाड़े के साथ लायी गईं, लेकिन हकीकत में धराशायी हो गईं।”

Smart City मिशन के नाम पर हज़ारों करोड़ फूंक दिए

सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,”यह सिर्फ निकम्मापन ही नहीं, भ्रष्टाचार भी है। स्मार्ट सिटी मिशन के नाम पर हज़ारों करोड़ फूंक दिए और अब स्कीम बंद कर दी। कुछ सवाल, भला इस खर्च का जवाबदेह कौन है? जनता के हज़ारों करोड़ रुपए हज़म करके डकार भी ना लेने का ज़िम्मेवार कौन है? कौन है इस फेल्ड स्कीम का ज़िम्मेदार? क्या मोदी सरकार सिर्फ़ स्कीम बंद करके काम बीच में छोड़कर अपना पलड़ाझाड़ सकती है? ज़ुबानी जमा खर्च के अलावा यहाँ तो भ्रष्टाचार की भी बू आ रही है!”

सुप्रिया श्रीनेत द्वारा भाजपा सरकार पर उठाए गए सवालों को लेकर आप क्या सोचते हैं? आप अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में साझा कर सकते हैं। ऐसे ताजा समाचार पाने के लिए हमारी वेबसाइट को ध्यान में रखें या बुकमार्क करें।

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