सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के चक्कर में “योगी का चाइनीज़ वर्जन” बनने का प्रयास

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने असम के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए एक्स पोस्ट में लिखा “असम के मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता हासिल करने एवं ‘योगी का चाइनीज़ वर्जन’ बनने के प्रयास में जानबुझकर मुसलमानों को परेशान करने वाले कृत्य करते रहते हैं। BJP के लोगों ने नफ़रत फैलाने, मोदी-शाह का ध्यान आकृष्ट करने एवं समाज में धुर्वीकरण करने के लिए मुसलमान भाइयों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है।”

क्या है असल मामला

राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ एक बड़ा बयान दिया है। दराशल असम के मुख्यमंत्री ने विधानसभा कार्यवाही के दौरान मिलने वाले 2 घंटे के ब्रेक के प्रावधानों खत्म करने को कहा, जिसके बाद राज्य सरकार की आलोचना करते हुए तेजस्वी यादव ने हिमंत की तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कर दी और और कहा कि वह सीएम आदित्यनाथ योगी का ‘चाइनीस वर्जन’ बनने की कोशिश कर रहे हैं।

मुसलमानों को बनाया जा रहा है सॉफ्ट टारगेट

भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि “भाजपा के लोगों ने नफ़रत फैलाने, मोदी-शाह का ध्यान आकृष्ट करने एवं समाज में धुर्वीकरण करने के लिए मुसलमान भाइयों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है। देश की आजादी में RSS छोड़ सभी धर्मों के लोगों का हाथ है।”

मुसलमान भाइयों ने कुर्बानी दी है

तेजस्वी यादव ने देश की आजादी में मुसलमानों के योगदान का जिक्र करते हुए भाजपा पर तंज कसा और एक्स पोस्ट में लिखा “हमारे मुसलमान भाइयों ने देश को आजादी दिलाने में कुर्बानियां दी है और हम लोग जब तक है तब तक कोई माई का लाल उनका बाल बांका नहीं कर सकता।”

अल्पसंख्यकों को तंग करना चाहती है भाजपा

इससे पहले असम सरकार के फैसले को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के चक्कर में इस तरह का कार्य कर रही है। भाजपा के लोगों ने मुसलमान को सॉफ्ट टारगेट बना रखा है। कभी वक्फ बोर्ड का बिल आ जाता है, तो कभी सीए और कभी एनआरसी लाया जाता है। किसी न किसी तरीके से भाजपा अल्पसंख्यकों को तंग करना चाहती है और समाज में नफरत फैलाना चाहती है।

शुक्रवार को मुस्लिमों के 2 घंटे के ब्रेक पर लगी रोक

आपको बता दें कि असम विधानसभा ने ब्रिटिश काल की उस प्रथा को समाप्त कर दिया है, जिसके तहत शुक्रवार के दिन 2 घंटे का ब्रेक दिया जाता था, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से मुस्लिम विधायक जुम्मे की नमाज को अदा करने के लिए करते थे। विधानसभा ने प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 11 में संशोधन किया है, जिससे शुक्रवार की बैठकों के लिए विशेष प्रावधान को प्रभावी रूप से हटा दिया गया है।

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