बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला, जबकि PM ने वादा किया था?

विशेष राज्य
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का मुद्दा कई बार विपक्ष द्वारा उठाया गया है। पीएम मोदी आज बिहार में हैं, जिस पर जयराम रमेश ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर घेरा और चार सवाल पूछे।
मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और भागलपुर के लिए वादे के मुताबिक एयरपोर्ट कहां हैं?
जयराम रमेश ने कहा, “प्रधानमंत्री ने 18 अगस्त 2015 को पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाने का वादा किया था। छह साल और तीन बार नीतीश कुमार की पलटी के बाद भी उनकी सरकार इस वादे को पूरा नहीं कर पाई। 2019 की एक रैली में, मोदी जी ने मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट को चालू करने का आश्वासन दिया था। 2023 में, गृह मंत्री अमित शाह ने भी पताही एयरपोर्ट को शुरू करने का संकल्प दोहराया, जबकि भाजपा ने दिवाली 2023 तक इसे पूरी तरह चालू करने का वादा किया था।”
आज भी हालात लगभग वैसे ही हैं
जयराम रमेश ने आगे कहा, “लगभग एक साल पहले AAI की एक ग्राउंड टीम ने पाया था कि हवाईपट्टी पर टूटी हुई बाउंड्री वॉल और घूमती हुई भैंसें हैं! आज भी हालात लगभग वैसे ही हैं, आखिर सरकार पिछले 11 सालों से कर क्या रही है? मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और भागलपुर जैसे शहरों को एयरपोर्ट की ज़रूरत है और वे इसके हकदार भी हैं, लेकिन भारतीय जुमला पार्टी के राज में इन्हें सिर्फ खोखले वादे ही मिले हैं। प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता से इस विषय पर बार-बार झूठ क्यों बोला?”
बिहार में इतने जरूरी प्रोजेक्ट अधूरे क्यों पड़े हैं?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “2015 में, बिहार की जनता से 1.25 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का बड़ा वादा किया था। इस पैकेज में से 54,713 करोड़ रुपए सड़क और पुल परियोजनाओं के लिए निर्धारित किए गए थे। गंगा, सोन और कोसी नदियों पर कई पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग और 12 रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाने थे। लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, 44 नियोजित राष्ट्रीय राजमार्गों में से 27 अभी भी अधूरे हैं, जबकि बाकी 17 के लिए अब तक डीपीआर (Detailed Project Report) तक तैयार नहीं हुई है।”
भागलपुर की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन की संभावनाओं को संवारने के लिए मोदी सरकार ने क्या किया?
जयराम रमेश ने कहा, “भागलपुर बिहार और भारत का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र है—यहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री, मंजूषा पेंटिंग्स और भगवान महावीर का जन्मस्थल प्रसिद्ध है। लेकिन ये सभी सरकारी उपेक्षा के शिकार हैं। उदाहरण के लिए, भागलपुर रीजनल हैंडलूम वीवर्स कोऑपरेटिव यूनियन के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच बुनकरों की संख्या 2 लाख से घटकर सिर्फ 60,000 रह गई। 2015 में यह कारोबार 600 करोड़ रुपए सालाना था, जो अब घटकर 150 करोड़ रुपये रह गया है।”
बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला, जबकि प्रधानमंत्री ने खुद इसका वादा किया था?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, “2014 में, जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के लिए प्रचार कर रहे थे, तब उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। केंद्र सरकार के अपने ही बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट के अनुसार, बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य है, जहां राज्य की 52% आबादी को आवश्यक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर तक पहुंच नहीं है। 2013 में, रघुराम राजन कमेटी ने आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों के लिए एक नया फंड आवंटन मॉडल सुझाया था, जो बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर आधारित था। लेकिन 12 साल बीत जाने के बाद भी, मोदी सरकार किसका इंतजार कर रही है?”
प्रधानमंत्री बिहार की जनता से किया गया अपना वादा क्यों भूल गए? केंद्र में 11 साल और बिहार में लगभग 21 साल सत्ता में रहने के बाद भी, मोदी सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में क्यों नाकाम रही? कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा उठाए गए सवालों पर आप क्या सोचते हैं? ऐसे ताजा समाचार पाने के लिए हमारी वेबसाइट को ध्यान में रखें।