मैं संभल अकेला जाने को तैयार हूं, लेकिन ये बात भी नहीं मानी गई
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज संभल की हिंसा में हुई लोगों की मृत्यु को लेकर उनके परिजनों और संभलवासियो से मिलने जा रहे थे। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने धारा 163 का हवाला देकर राहुल गांधी का रास्ता रोक दिया और वहां जाने से मना कर दिया। राहुल गांधी ने X पर लिखा “पुलिस ने हमें संभल जाने से रोक दिया। विपक्ष के नेता होने के नाते यह मेरा अधिकार और कर्तव्य है कि मैं वहां जाऊं। फिर भी मुझे रोका गया। मैं अकेला जाने को भी तैयार हूं, लेकिन वे इसके लिए भी नहीं माने। यह संविधान के ख़िलाफ़ है।”
भाजपा क्यों डरी हुई है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए X पोस्ट में आगे लिखा “भाजपा क्यों डरी हुई है – अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पुलिस को आगे क्यों कर रही है? सच्चाई और भाईचारे के संदेश को क्यों दबा रही है? हमारा संवैधानिक अधिकार हमें नहीं दिया जा रहा, यही है नया हिंदुस्तान, जिसमें संविधान को खत्म करने का काम किया जा रहा है।”
BJP इतने गर्व से क्यों कहती है कि हमने लॉ एंड ऑर्डर संभाल रखा है
प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया के सामने कहा “राहुल गांधी जी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनके संवैधानिक अधिकार बाकी लोगों से अलग होते हैं। उन्हें रोका नहीं जा सकता। राहुल गांधी जी ने कहा कि मैं यूपी की पुलिस के साथ अकेला चला जाऊंगा, लेकिन पुलिस इसके लिए भी तैयार नहीं हुई। पुलिस के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं है। यूपी में अगर ऐसे हालात भी संभाले नहीं जा सकते तो BJP इतने गर्व से क्यों कहती है कि हमने लॉ एंड ऑर्डर संभाल रखा है।”
तमाम कांग्रेस के सांसद और कार्यकर्ता संभल जाना चाहते थे
सुप्रिया श्रीनेत ने भी मीडिया के सामने कहा “नेता विपक्ष राहुल गांधी जी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी, प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे जी, पीसीसी अध्यक्ष अजय राय जी और तमाम कांग्रेस के सांसद और कार्यकर्ता संभल जाना चाहते थे। राहुल जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में शोक संतप्त परिवारों से मिलने पर कोई रोक नहीं है, वो प्रशासन की गाड़ी में अकेले बैठकर जाने को तैयार थे। उसके बाद भी UP का पुलिस और प्रशासन उनको रोक रहा है।”
उत्तर प्रदेश के प्रशासन और पुलिस पर बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा “ऐसे में सवाल उठता है कि- ऐसा कौन सा सच है, जिसको छिपाया जा रहा है, क्योंकि हमने देखा है ऐसे ही सच छिपाने की कोशिश हाथरस, लखीमपुर और उन्नाव में हुई थी। राहुल गांधी जी संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति हैं, वे शोकाकुल परिवारों को ढाढ़स बंधाने के लिए जाना चाहते हैं। DGP से बात होने के बाद भी अगर समाधान नहीं निकल रहा है, तो कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश के प्रशासन और पुलिस पर बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं, और उनकी भूमिका भी संदिग्ध होती है।”
बाकी आपको क्या लगता है, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को इस तरह से रोका जाना सही है? क्या संविधान के अनुसार उनको अकेले जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए थी? इस मुद्दे पर अपनी राय हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें। इस तरह की ताजा न्यूज अपडेट पाने के लिए हमारी वेबसाइट को ध्यान में रखें।