New Delhi Railway Station Stampede- कुंभ जा रहे लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी?

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New Delhi Railway Station Stampede

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New Delhi Railway Station Stampede– महाकुंभ की व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा सरकार को घेर रहा है। हाल ही में महाकुंभ में हुई भगदड़ पर विपक्ष ने भाजपा सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। कल दिल्ली रेलवे स्टेशन से लोग महाकुंभ जा रहे थे जहां काफी भीड़ थी। ट्रेन के प्लेटफॉर्म संख्या बदलने की जानकारी के बाद वहां प्लेटफॉर्म की तरफ भगदड़ मच गई, जिसके बाद कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। जिस पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “सरकार ने विज्ञापन दिए और लोगों को कुंभ में बुलाया। ऐसे में जब लोग कुंभ जा रहे हैं तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? अगर आम लोगों को ही भीड़ का नियंत्रण करना है, भगदड़ रोकनी है, अपनी सुरक्षा भी खुद ही करनी है तो ‘साहब बहादुर’ सरकार में क्यों बैठे हैं?”

मौत के आंकड़े आधिकारिक रूप से जारी नहीं किए गए

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा, “ये भी बेहद दुख की बात है कि- मीडिया में इस बात को लेकर आक्रोश नहीं है। कल रात मौत के आंकड़े आधिकारिक रूप से जारी नहीं किए गए। मीडिया ने सरकार को फिर से ‘कवर फायर’ देने की कोशिश की। जिन लोगों की जान गई है, वो हमारे अपने लोग हैं। उनकी मुश्किल है कि वे हवाई जहाज से नहीं जा सकते। 47 हजार रुपए का टिकट नहीं खरीद सकते। लेकिन रेल मंत्री सिर्फ मौत के आंकड़े छिपाने में व्यस्त हैं, जनता के लिए कुछ नहीं कर रहे।”

देश में आम आदमी की कोई कीमत नहीं

सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “पहले 29 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़ हुई और कल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक घटना घटी। लेकिन इन घटनाओं को देखकर बार-बार ऐसा लगता है कि इस देश में आम आदमी की कोई कीमत नहीं है। अगर आम आदमी की जान जाती है तो BJP सरकार लोगों के शव उनके परिवार तक पहुंचाने से पहले, मौत का आंकड़ा छिपाने में लग जाती है।”

सरकार का पूरा ध्यान अपनी छवि बनाने पर

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “बड़ा दंभ भरा गया कि रेलवे महाकुंभ के लिए 3 साल पहले से ही तैयारी कर रहा है और इस तैयारी में 5000 करोड़ खर्च हुए, लेकिन 18 मौतों के बाद दिख गया कि सरकार की क्या तैयारी थी? सरकार ने खूब विज्ञापन छपवाए, खूब चकाचौंध की और उनका पूरा ध्यान अपनी छवि बनाने पर रहा, लेकिन जब समस्याएं गिनाई गईं तो उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी।”

रेल मंत्री को अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं

  • सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा, “इस देश के रेल मंत्री अपने कर्तव्य का निर्वाह करने में विफल हैं
  • इस देश के रेल मंत्री सिर्फ रील बनाने में मशग़ूल हैं
  • इस देश के रेल मंत्री इतना बड़ा हादसा हो जाने के बावजूद सिर्फ मौत के आंकड़े छिपाने में जुटे हुए हैं
  • इस देश के रेल मंत्री जिम्मेदारी उठाने के बदले, निर्लजता पर उतर आए हैं और लिख रहे हैं- ‘सब ठीक है’
  • अश्विनी वैष्णव को नैतिक रूप से अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है”

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