SEBI पर उच्च स्तरीय (जेपीसी या जुडिशियल) जांच होनी चाहिए – मायावती
जब से SEBI मामले की रिपोर्ट प्रकाश में आई है तब से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और प्रतिदिन अनेकों नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। SEBI मामले को लेकर मायावती ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा “पहले अदाणी ग्रुप व अब सेबी चीफ सम्बंधी हिण्डनबर्ग की रिपोर्ट फिर से जबरदस्त चर्चाओं में है तथा आरोप-प्रत्यारोप का दौर इस हद तक जारी है कि इसे देशहित को प्रभावित करने वाला बताया जा रहा है। अदाणी व सेबी द्वारा सफाई देने के बावजूद मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा बल्कि उबाल पर है।”
जेपीसी या जुडिशियल जांच होनी चाहिए
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले पर जांच को प्राथमिकता देते हुए एक्स पर पोस्ट में कहा ” वैसे यह मुद्दा अब सत्ता व विपक्ष के वाद-विवाद से परे केन्द्र की अपनी साख व विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर रहा है, जबकि केन्द्र सरकार को अब तक इसकी उच्च-स्तरीय जाँच अर्थात् जेपीसी या जुडिशियल जाँच जरूर बैठा देनी चाहिये थी तो यह बेहतर होता।”
आपको बता दें, कि इस मामले पर सिर्फ मायावती ने ही नहीं बल्कि और भी विपक्षी नेताओं ने बयान दिए हैं जिसमें उन्होंने SEBI मामले पर जांच के लिए बहुत कुछ कहा है।
SEBI पर अखिलेश यादव ने भी की एक्स पोस्ट
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर केंद्र सरकार को घेरते हुए एक्स पर लिखा कि, “SEBI की ऐतिहासिक जाँच होनी चाहिए क्योंकि SEBI का इतिहास ही ऐसा रहा है कि वो कभी सही मायनों में निवेशकों का सरंक्षक व सहारा नहीं बना। भारत के बाज़ार में निवेश के प्रति सुरक्षा की भावना जगाने के लिए SEBI की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना केवल एक निष्पक्ष जाँच ही कर सकती है। SEBI प्रकरण की गहन-जाँच भारत की अर्थव्यवस्था की अपरिहार्यता है।”
जयराम रमेश ने भी हिडेनबर्ग रिपोर्ट पर कहा
कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने भी हिडेनबर्ग रिपोर्ट पर SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जयराम ने अपने शब्दों में कहा – “जब 2022 में माधबी पुरी बुच ने SEBI की अध्यक्षता संभाली, तो उन्होंने गौतम अडाणी के साथ दो बैठकें कीं, जबकि SEBI उस समय अडाणी के लेन-देन की जांच कर रहा था।
जयराम ने बताया कि संसद का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलने वाला था, लेकिन इसे 9 अगस्त को अचानक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अब हमें इसका असली कारण पता चला है।”
राहुल गांधी के 3 सवाल
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले पर केन्द्र सरकार से 3 सवाल किए हैं, जिनमें उन्होंने पहले सवाल में पूछा कि – SEBI की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
फिर उन्होंने अपने दूसरे सवाल में पूछा कि – अगर निवेशकों की सारी कमाई डूब जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इसके अलावा उन्होंने तीसरे सवाल में पूछा कि – क्या स्वत: संज्ञान लेगा सुप्रीम कोर्ट?
इसके अलावा उन्होंने अपनी एक वीडियो भी पोस्ट की जिसमें उन्होंने बहुत कुछ कहा https://x.com/RahulGandhi/status/1822638113753317572?t=6awQ7OMoRNa5LABY0DPblw&s=19