साबरमती ट्रेन पटरी से उतरी, रील मंत्री के लिए तो ये ‘छोटी घटना’ है

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साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के 22 डिब्बे रात लगभग 2:30 बजे रेलवे स्टेशन आने से पहले ही पटरी से उतर गए। ट्रेन हादसे का शिकार हुई, जिसपर पर रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रतिक्रिया भी आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह कोई साजिश हो सकती है।

भाजपा को घेरते हुए कांग्रेस ने कहा

रेल हादसे को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरते हुए कहा, कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में साबरमती ट्रेन पटरी से उतर गई। मोदी सरकार के 70 दिनों के कार्यकाल में अब तक 21 रेल हादसे हो चुके हैं। लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। आगे कांग्रेस ने रेल मंत्री को घेरते हुए कहा कि, “रील मंत्री के लिए तो ये ‘छोटी घटना’ है।”

IB और पुलिस जांच में जुटी

अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, कि साबरमती एक्सप्रेस का इंजन सुबह 2:35 पर कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी वस्तु से टकराया था, जिसके बाद ट्रेन पटरी से उतर गई। ट्रेन के इंजन पर तेज चोट के निशान देखें गए हैं, साक्ष्य भी सुरक्षित रखे गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस और आईबी की टीम इस हादसे पर जांच कर रही है।

यात्रियों को करना पड़ा मुसीबत का सामना

ट्रेन के इस तरह से पटरी से उतर जाने के बाद यात्रियों को काफी ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ा। हालांकि गरीमत यह रही कि इस रेल हादसे में किसी यात्री को जान माल का नुकसान नहीं हुआ। यात्रियों की ट्रेन पटरी से उतर जाने की वजह से यात्री अपने समय से अपने स्थान पर नहीं पहुंच पाए। रेल प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा का इंतजाम करते हुए, उनको बस से कानपुर भेजा और अहमदाबाद के यात्रियों के लिए ट्रेन की व्यवस्था की।

सिलीगुड़ी के रंगा पानी क्षेत्र में मालगाड़ी पटरी से उतरी

वही दूसरा रेल हादसा पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी-रंगा पानी में भी हुआ है। यह घटना एक प्राइवेट यार्ड में हुई, जहां इंजन ले जा रही मालगाड़ी देर रात सिलीगुड़ी रंगा पानी इलाके में पटरी से उतर गई। रेलवे कहना है कि यह हादसा क्योंकि प्राइवेट यार्ड में हुआ है, तो रेल मंत्रालय से इसका कोई लेना-देना नहीं है। 15 दिन पहले भी रंगा पानी इलाके में एक और मालगाड़ी पटरी से उतरी थी। इसी इलाके में जून के महीने में कंचनजंगा एक्सप्रेस का एक्सीडेंट भी हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल भी हुए थे। इस इलाके में 2 महीने के अंदर 3 ट्रेन दुर्घटना हो चुकी है।

क्या लगातार हो रहे हादसे रेल मंत्री की लापरवाही है

देश में लगातार रेल हादसे होते जा रहे हैं। मोदी सरकार के 70 दिनों के कार्यकाल में अब तक 21 रेल हादसे हो चुके हैं। लेकिन सरकार इस पर कोई उचित कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसको देखकर तो यही लगता है कि लगातार हो रहे हादसे रेल मंत्री की लापरवाही है। क्या रेल मंत्री को सुरक्षा के लिए इंतजाम करने की आवश्यकता है। आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं।

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