दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया आए जेल से बाहर
17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया को कथित शराब घोटाले में ट्रायल शुरू होने में हुई देरी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत दे दी है। मनीष दिल्ली के तिहाड़ की जेल नंबर 1 में बंद थे। मनीष सिसोदिया की बेल का ऑर्डर बॉन्ड आने और जमानती साथ आने के बाद, तब जमानत का बॉन्ड भरा गया। उसके बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया को शुरू की गई।
CBI, ED की अपील हुई खारिज
सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट से अरविंद केजरीवाल मामले की तरह ही शर्तें लगाने का अनुरोध किया था। जिसमें एएसजी राजू ने कोर्ट से अपील की थी, कि केजरीवाल की तरह ही मनीष सिसोदिया के सचिवालय जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए। लेकिन कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया।
फरवरी 2023 से जेल में थे बंद मनीष
मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को कथित शराब घोटाले को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद सिसोदिया को 9 अक्टूबर को ईडी ने भी गिरफ्तार कर लिया था। सिसोदिया पर आबकारी मंत्री पद पर होते हुए मनमाने और एकतरफा फैसला का कथित आरोप है। शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को सिसोदिया का करीबी माना जा रहा है। इन तीनों ने ही सरकारी अफसर की मदद लेकर शराब व्यापारियों से धन इकट्ठा करके दूसरी जगह डायवर्ट किया है। इस मामले को लेकर 17 अगस्त 2022 सीबीआई ने केस दर्ज किया, जिसको लेकर मनोज सिसोदिया और 3 पूर्व सरकारी अफसर समेत 9 कारोबारी और 2 कंपनियां आरोपी बताए गए।
कथित शराब घोटाला क्या है?
17 नवंबर 2021 को केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था। जिस पॉलिसी के तहत शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और शराब दुकानें निजी हाथों में चली गईं। दिल्ली सरकार के मुताबिक इस नई पॉलिसी के द्वारा माफिया राज खत्म हो जाएगा और सरकार की रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी। हालांकि यह पॉलिसी पहले से ही विवादों में रही है जिसके चलते 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया। 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट ने कथित शराब घोटाले का खुलासा किया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगे थे। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया। मुख्य सचिव ने सिसोदिया पर गलत तरीके से नई नीति बनाकर लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचने का आरोप लगाया। रिपोर्ट में सिसोदिया पर आरोप लगाया गया, कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की गई और एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ रूपये लौटा दिए गए जबकि यह रकम जब्त की जानी चाहिए थी।
किन शर्तों पर मिली जमानत?
मनीष सिसोदिया को जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि ‘आप समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं और आपके भागने की भी आशंका नहीं है’ साथ ही यह भी कहा कि मामले के ज्यादातर सबूत पेश हो चुके हैं और उनके साथ छेड़छाड़ की भी संभावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 10 लाख के मुचलके पर जमानत दी है। साथ ही साथ दो बड़ी शर्तों का भी अनुसरण करना होगा। पहली शर्त ये है कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना है और दूसरी शर्त ये कि उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को थाने में जाकर हाजिरी लगानी होगी है।