RSS हमेशा से जातिगत जनगणना और आरक्षण के ख़िलाफ़ रहा है

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सुप्रिया श्रीनेत ने आरएसएस और भाजपा को जातिगत जनगणना पर घेरते हुए एक्स पोस्ट में लिखा “RSS ने कहा कि ‘जातिगत जनगणना समाज की एकता और अखंडता के लिए ख़तरा है।’ RSS हमेशा से जातिगत जनगणना और आरक्षण के ख़िलाफ़ रहा है।”

आरएसएस की खबर छुपाने की कोशिश

सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर तंज कसते हुए लिखा “मीडिया ने यह खबर दिखानी शुरू की, फिर थोड़ी ही देर में यह खबर डिलीट करवाई जाने लगी। आख़िर इस खबर से कौन असहज हुआ, किसने खबर डिलीट करने के आदेश दिए? कौन RSS के विरोध को छुपाना चाहता है?

आरक्षण के खिलाफ आरएसएस

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा “RSS हमेशा से जातिगत जनगणना और आरक्षण के ख़िलाफ़ रहा है। पहले भी संघ प्रमुख भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की मांग की थी। संघ के प्रसार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने आरक्षण का विरोध किया था। गुरु गोलवलकर ने आरक्षण पर आपत्ति जताई थी।”

जातिगत जनगणना होकर रहेगी

सुप्रिया श्रीनेत ने जातिगत जनगणना पर जोर देते हुए एक्स पोस्ट में लिखा “RSS माने या ना माने, BJP के अंदर हिम्मत हो या ना हो – जातिगत जनगणना तो हो कर रहेगी। मोदी जी, आप नहीं करा पाएंगे – कोई बात नहीं- हम कराएंगे”

आप पार्टी से सौरभ भारद्वाज ने बहुत कुछ कहा

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि “आरएसएस के बयान को देखते हुए लगता है कि आरएसएस को यह बात समझ आ गई है, कि दलित वर्ग के लोगों के साथ सीधी टक्कर नुकसान पहुंचाएगी। इसलिए वे अपने बयान को गोल-गोल घूम रहे हैं। आरएसएस बताए कि वह जातिगत जनगणना के साथ है या इसके खिलाफ है।”

आरएसएस ने बयान में क्या कहा

केरल के पलक्कड़ जिले में 2 सितंबर को आरएसएस के तीन दिवसीय समन्वय में बैठक के दौरान आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा “जातीय जनगणना बेहद संवेदनशील मुद्दा है। इससे समाज की एकता और अखंडता को खतरा है। पंच परिवर्तन में इसको लेकर चर्चा की गई। हम बड़े पैमाने पर समरसता को लेकर काम करेंगे। हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाओं का मुद्दा संवेदनशील है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन जातिगत जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।”

इससे पहले राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर बहुत बयान दिए हैं। जिसमें उन्होंने जाति जनगणना को लेकर जोर दिया है। राहुल के अलावा और भी कांग्रेस नेताओं ने जाति जनगणना के मुद्दे पर जोर दिया है। इतना ही नहीं एनडीए सरकार के कुछ नेताओं ने भी जाति जनगणना का पक्ष लिया है। लेकिन भाजपा जाति जनगणना नहीं करना चाहती है। आप इस मामले पर अपनी क्या राय रखते हैं, हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।

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